स्वर तन्त्रियों की स्थिति और कम्पन के आधार पर वर्णों के भेद
स्वर तन्त्रियों की स्थिति और कम्पन के आधार पर वर्णों को घोष और अघोष श्रेणी में भी बांटा जा सकता है।
घोष वर्ण
घोष का अर्थ है नाद या गूंज। जिन वर्णों का उच्चारण करते समय गूंज (स्वर तंत्र में कंपन) होती है, उन्हें घोष वर्ण कहते हैं।
क वर्ग, च वर्ग आदि सभी वर्गों के अन्तिम तीन वर्ण ग, घ, ङ, ज, झ, ञ् आदि तथा य र ल व ह घोष वर्ण कहलाते हैं।
इसके अतिरिक्त सभी स्वर भी घोष वर्ण होते हैं। इनकी कुल संख्या तीस है।
अघोष वर्ण
इन वर्गों के उच्चारण में प्राणवायु में कम्पन नहीं होता अतः कोई गूंज न होने से ये अघोष वर्ण होते हैं।
सभी वर्गों के पहले और दूसरे वर्ण क ख च छ श, ष, स, आदि सभीर्णव अघोष हैं, इनकी संख्या तेरह है।